

मिर्जापुर। एक से बढकर एक कारनामे और कलाबाजी का सनक पालने वालो के बारे में तो सुना और देखा होगा, पर जिसकी बात हम करने जा रहे है, उसे मरने की सनक सवार हो गयी थी। मरने के लिए पहले उसने चलती ट्रेन से छलांग लगायी। मौत न होने पर थोडी दूर जाकर आम के पेड पर धोती के सहारे फांसी पर लटककर जान दे दी। घटना मिर्जापुर जिले के विंध्याचल थाना क्षेत्र के महरौड़ा गांव के पास की है। उसके पास से मिले नंबर से पुलिस ने परिजनो को सूचना दी। ट्रेन में उसके साथ सवार दामाद और पत्नी भी खोजते-खोजते बुधवार की शाम को वहां पहुंचे।

दामाद के साथ पत्नी को लेने गया था बिहार
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिला चांदथाना खैरघाट निवासी 62 वर्षीय गनाराम किसान था। उसकी पत्नी छोटीबाई 13 माह पूर्व मायके जाने के बाद घर नहीं लौटी थी। कुछ महिनो बाद उसके पति गनाराम साहू को पता चला कि वह मायके में भी नहीं है। इस बीच छोटी बाई बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित शांति कुटी आश्रम में रह रही थी। आश्रम के लोगों ने उससे पता पुछ कर मध्य प्रदेश के चांदपुर थाने की पुलिस से संपर्क कर परिजनो को जानकारी दी। जानकारी मिलने पर गनाराम अपने दामाद शंभूदयाल साहू के साथ बिहार पत्नी को लेने गया।

विंध्याचल के पास ट्रेन से कूदा , फिर लगा ली फांसी
द्रनाराम अपने दामाद के साथ पत्नी को लेकर बिहार से वाराणसी आया। वाराणसी से पटना कुर्ला एक्सप्रेस के जनरल बोगी में बैठ कर जबलपुर के लिए चला। दामाद शंभू दयाल के मुताबिक विंध्याचल थाना क्षेत्र के महरौड़ा के पास वह ट्रेन से कूद गये। ट्रेन की चेनपुलिंग कर उनके पीछे गया तो वह घायलावस्था में भागने लगे। ट्रेन में उनकी वृद्ध पत्नी छोटी बाई थी। ट्रेन न चलने लगी, इसलिए ट्रेन में सवार हो गया। आगे मानिकपुर स्टेशन पर उतर गया। इसी बीच सूचना मिली कि उन्होंने आम के पेड़ पर फांसी लगा ली है। विंध्याचल पुलिस के मुताबिक वृद्ध ने अपने धोती से आम के पेड़ पर लटकर जान दे दी। ग्रामीणों की सूचना पर शव को उतारा गया तो जेब से कागज में लिख मोबाइल नंबर मिला। नंबर के जरीये परिजनो को बनाया गया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
आत्महत्या के कारण को लेकर परिजन भी पेशोपेश में
गनाराम ने ट्रेन में नाश्ता किया। इसके थोडी देर बाद ही वह ट्रेन से कूदा, फिर लगा ली फांसी। पत्नी, दामाद और परिवार के सदस्य इस बात से पशोपेश में है कि आखिर उसने फांसी क्यों लगायी। कोई भी परिजन कारण नहीं बता सके। पर गनाराम के भाई से बात करने पर लगा कि उसके मन में ये बात बैठ सकती है कि उसकी पत्नी 13 माह से घर से बाहर रह रही है। लोकलाज का भय उसके अंदर घर कर गया होगा। जिसके बाद उसने मरने की सोची होगी।
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