रविवार की दिन था तो सैलानियों की थी भीड
रविवार को अवकाश का दिन था। मौसम भी सुहावना था। सुबह मौसम खुला था औद दोपहर में रिमझिम बरसात हुई। इसके बाद लोगों का हुजूम शहर के पास के देहात कोतवाली क्षेत्र के खजुरी नदी पर स्थित खंड़ंजा और विंढमफाल पर पिकनिक मनाने के लिए उमड़ पड़ा। यहां दूर दराज से भी लोग पिकनीक मनाने आये थे। सैलानी फाल में स्नान कर मस्ती कर रहे थे। इसी दौरान शाम को लगभग पांच बजे विंडमफाल में अचानक पानी बढ़ गया। इससे स्नान कर रहे लोगों में भगदड़ मच गयी। सैलानियों ने फाल के बीच में फंसे लोगों को किसी तरह बचाकर बाहर निकाला।
विंढमफाल में भदोही का खडंजा में मिर्जापुर के चार बहे
भदोही जिले के मेन रोड अजुमौला चौराहा निवासी दो युवक तेज बहाव में बह गए। सूचना पर पहुंची बरकछा चौकी पुलिस 20 वर्षीय नीरज को बचा लिया। उसका साथी 21 वर्षीय मयंक जायसवाल बह गया। पुलिस गोताखोरों की मदद से खोजबीन करने में जुटी है। विंडमफाल का ही पानी आगे जाकर खड़ंजा में पहुंचा तो
वहां भी स्नान कर रहे सैलानियों मेंं भगगड़ मच गयी। खड़ंजा में भी सैकडो की संख्या में सैलानी मौजूद थे। उन्होंने पानी बढ़ता देख वहां से भागकर किसी तरज जान बचाया। 60 से 70 लोगों को लोगों ने गमछा, रस्सी आदि से लाेगों को बचाया। इस बीच जो लाेग बीच धारा में फंसे थे उन्हें भी दूसरे लोगो ने बचाने की भरसक कोशिश की। यहां नगर के तरकापुर मोहल्ले से कई लोग गये थे। इसमें चार किशोरों का एक समूह भी शामिल रहा। इसमें 26 वर्षीय इमरान, 15 वर्षीय नट्टू, 16 वर्षीय शमशाद रहे। इनको बचा भी बचा लिया गया। इन्हें पानी में बहते समय पत्थरों से टकराने के कारण चोटें आयी हैं। इनका साथी 16 वर्षीय सैयद अली का पता नहीं चल सका। इसके अलावा पीली कोठी निवासी सोनू अग्रहरि, मुकेरी बाजार निवासी लालू का अभी तक पता नहीं चल सका। सोमवार की सुबह कटरा कोतवाली क्षेत्र के अनगढ निवासी 28 वर्षीय प्रमोद मिश्रा का शव खंडाजा फाल में बरामद हुआ।
15 वर्ष पहले भी विंढमफाल में बह गए थे 20 से अधिक पर्यटक
जिले के पहाड़ी झरनों में बरसात के मौसम में हर साल होने वाले हादसों से भी सैलानी सबक नहीं ले रहे हैं। 15 साल पहले भी विंढमफाल में इसी तरह आयी अचानक बाढ में बीस से अधिक लोग बह गए थे। बाद में कईयों का शव बरामद हुआ थ। इसी तरह हर साल लेखनिया, विंढमफाल, सिरसी फाल,खडंजा फाल में दुर्घटनाएं हो रही हैं। बावजूद पर्यटन स्थलों पर पहुंचने वाली लापरवाही बतरने में पीछे नहीं हट रहे। सैलानियों को चाहिए कि वह पहाड़ी झरनों पर पिकनिक मनाने जाएं तो पूरी सावधानी बरतें। क्योंकि बरसात के मौसम में यह जरूरी नहीं है कि आप जिस स्थान पर हैं वहां बरसात हो तभी झरनों में पानी बढेगा। दूसरे स्थानों पर बरसात होने से भी झरनों में बाढ आने का खतरा बना रहता है। इसलिए जरा सी भी लापरवाही न बरतें। झरनों पर नहाते समय कभी भी बीच में न जाएं। काई लगे वाले स्थानों पर भी जाने से परहेज करें। साथ ही नशे में धुत होकर पर्यटन स्थलों पर कभी न हाएं। जिन स्थानों पर खतरे का बोर्ड लगा है जैसे चूना दरी वहां तो कदापि न जाएं।